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मैं ही ध्रुव तारा
प्रभु ही मेरा ज्ञान है मेरे ज्ञान का उपयोग भी प्रभु ही जानूं, प्रभु ही मानूं, प्रभु का है संग भी ज़ब से जाना बना प्रभुमय क्यों जाने पर अब पर ही तो संसार है, परमय होता दुखियारा.
ज्ञान का कर्तव्य यही, जाने वो खुद को ही खुद ही तो प्रभु है, खुद ही तो सुखियारा प्रभु ही मेरा ज्ञान है मेरे ज्ञान का उपयोग भी प्रभु ही जानूं, प्रभु ही मानूं, प्रभु का है संग भी.
ज्ञान का उद्यम यही, कि वो सिमटे खुद में ही खुद ही तो सुन्दर है, खुद ही जग से न्यारा प्रभु ही मेरा ज्ञान है मेरे ज्ञान का उपयोग भी प्रभु ही जानूं, प्रभु ही मानूं, प्रभु का है संग भी.
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