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मैं मैं ही हूं, मेरे ही सहज स्वभाव से ही दौड़ कर मिलने चला शुभाशुभ भाव आयें, आते भी मुझ में ही, स्वयं की शक्ति से ही जानता ही हूं, पराये ही लगते हैं, मैं इन्हें मिलने अब दौड़ता ही नहीं मैं तो इनसे भिन्न, स्वयं ही स्वयं को ही मिलने दौड़ चला हूं
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