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ऊनोदर चौथा रविवार, धार्मिक पुरस्कार उपहार। रविव्रत सप्तमवर्ष महान, इसमें गोरसत्याग प्रधान ।।
ऊँ ह्रीं श्री रविवार व्रते सप्तमवर्षे चतुर्थरविवासरे क्षायिकचारित्र लब्धिविभूषिताय श्री पार्शवनाथ जिनेन्द्राय अध्यम् निर्वपामीति स्वाहा।
जडताहर पंचम रविवार सत्यशील चारित्र सुधार। रविव्रत सप्तमवर्ष महान, इसमें गोरसत्याग प्रधान।।
ऊँ ह्रीं श्री रविवार व्रते सप्तमवर्षे पंचमरविवासरे क्षायिकदान लब्धिविभूषिताय श्री पार्शवनाथ जिनेन्द्राय अध्यम् निर्वपामीति स्वाहा।
अविपाकी छठवां रविवार, धर्मपुष्पकी महक अपार।
रविव्रत सप्तमवर्ष महान, इसमें गोरसत्याग प्रधान ।।
ऊँ ह्रीं श्री रविवार व्रते सप्तमवर्षे षष्ठरविवासरे क्षायिकलाभ लब्धिविभूषिताय श्री पार्शवनाथ जिनेन्द्राय अध्यम् निर्वपामीति स्वाहा।
आकिंचन सप्तम रविवार, शोधक अन्तर्बल दातार ।
रविव्रत सप्तमवर्ष महान, इसमें गोरसत्याग प्रधान ।।
ऊँ ह्रीं श्री रविवार व्रते सप्तमवर्षे सप्तमरविवासरे क्षायिकभोग लब्धिविभूषिताय श्री पार्शवनाथ जिनेन्द्राय अध्यम् निर्वपामीति स्वाहा।
निराकुलित अष्टम रविवार, विधिवत कीजे अल्पाहार। रविव्रत सप्तमवर्ष महान, इसमें गोरसत्याग प्रधान ।।
ऊँ ह्रीं श्री रविवारव्रते सप्तमवर्षे अष्टमरविवासरे क्षायिकोपभोगलब्धि विभूषिताय श्री पार्शवनाथ जिनेन्द्राय अघ्यम् निर्वपामीति स्वाहा।
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