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87. ऊँ ह्रीं अर्हं महाकवये नमः 89. ऊँ ह्रीं अर्हं महाकीर्तये नमः
88. ऊँ ह्रीं अर्हं महामहसे नमः 90. ॐ ह्रीं अर्हं महाकांतये नमः 92. ऊँ ह्रीं अर्हं महादानाय नमः 94. ॐ ह्रीं अर्हं महायोगाय नमः 96. ऊँ ह्रीं अर्हं महामहपतये नमः
91. ऊँ ह्रीं अर्हं महावपुषे नमः 93. ऊँ ह्रीं अर्हं महाज्ञानाय नमः 95. ऊँ ह्रीं अर्हं महागुणाय नमः 97. ऊँ ह्रीं अर्हं प्राप्तमहापंचकल्याणकाय नमः 99. ऊँ ह्रीं अर्हं महाप्रातिहार्याधीशाय नमः श्रीवृक्षलक्षणादीनि शतं नामानि नित्यशः । यो विभर्ति जिनं चाद्य-मर्ययामि तमष्टधा॥5॥ ऊँ ह्रीं वृक्षलक्षणादि शतनामांकित वृषभजिनेन्द्राय पूर्णाघ्यं निर्वपामीति स्वाहा।
98. ऊँ ह्रीं अर्हं महाप्रभवे नमः
100. ॐ ह्रीं अर्हं महेश्वराय नमः
अथ प्रथमवलये षष्ठमकोष्ठे महामुन्यादि शतनाम प्रत्येकाघ्यं
1. ऊँ ह्रीं अर्हं महामुनये नमः 3. ऊँ ह्रीं अर्हं महाध्यानिने नमः
5. ॐ ह्रीं अर्हं महाक्षमाय नमः 7. ऊँ ह्रीं अर्हं महायज्ञाय नमः 9. ऊँ ह्रीं अर्हं महाव्रतपतये नमः 11. ऊँ ह्रीं अर्हं महाकांतिधराय नमः 13. ॐ ह्रीं अर्हं महामैत्रीभयाय नमः 15. ॐ ह्रीं अर्हं महोपायाय नमः
17. ऊँ ह्रीं अर्हं महाकारुण्यकाय नमः 19. ॐ ह्रीं अर्हं महामंत्राय नमः 21. ॐ ह्रीं अर्हं महानादाय नमः 23. ऊँ ह्रीं अर्हं महेज्याय नमः 25. ॐ ह्रीं अर्हं महाध्वरधराय नमः
2. ऊँ ह्रीं अर्हं महामौनिने नमः
4. ऊँ ह्रीं अर्हं महादभाय नमः
6. ऊँ ह्रीं अर्हं महाशीलाय नमः 8. ऊँ ह्रीं अर्हं महामखाय नमः 10. ऊँ ह्रीं अर्हं मह्याय नमः 12. ॐ ह्रीं अर्हं अधिपाय नमः 14. ऊँ ह्रीं अर्हं अमेयाय नमः 16. ऊँ ह्रीं अर्हं महोभयाय नमः
18. ऊँ ह्रीं अर्हं मंत्रे नमः 20. ऊँ ह्रीं अर्हं महायतये नमः 22. ऊँ ह्रीं अर्हं महाघोषाय नमः 24. ॐ ह्रीं अर्हं महासांपतये नमः 26. ॐ ह्रीं अर्हं धुर्याय नमः
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