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जयमाला Jayamālā
(त्रिभंगी) शुभ भाग्य हमारा, पाया द्वारा, तेरी पूजा भायी हैI भावों की शुद्धि, सुख में वृद्धि, हे प्रभु! मेरी आयी हैII जिन धर्म की छाया, छूटे माया, मुक्ति पथ को देती हैI जयमाला गाऊँ, शीश झुकाऊँ, संकट सब हर लेती हैII
(Tribhangi) Subha bhāgya hamārā, pāyā dvārā, tērī pūjā bhāyī hai | Bhāvām kī sud'dhi, sukha mēm vrd'dhi, hē prabhu! mujhmem āyī hai ||
Jina dharma kī chāyā, chūtē māyā, mukti patha kā dētī hai | Jayamālā gā’ūň, sīša jhukā’ūň, sankața saba hara lētī hai ||
_(शेरचाल) इस जम्बू-द्वीप के जम्बू स्वामी को नमन! पूजा करूँ भक्ति करूँ इस भाव से भीना मनII
सौभाग्यशाली आप हैं मुक्ति में जा बसेI हम तो प्रभो! संसार में कर्म-कीच में हैं धंसेII
तुम ब्रह्म स्वर्ग छोड़ सेठ के यहाँ जन्मेI खुशियाँ थी चारों ओर, सब हरषे थे मन मेंII
था राजगृह संदर नगर, थे जानते सभीI वैभव के थे भंडार उन्हें मानते थे सभीII सुंदर-सा बालक देख खिलाते सभी वहाँ नाना प्रकार क्रीड़ा से खुश होते सब वहाँII
वे दोज चन्द्र के समान बड़े हुए थे। रूप देख चकित से सब खड़े हुए थे || इक दिन किये दरश सुधर्म स्वामी देव केI
तब हो गया विराग कहा करूँ सेव मैंII माता ने मोह में वचन बस एक ले लिया।
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