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अन्य वैकल्पिक पूजाएँ Anya Vaikalpik Poojayen
श्री देव-शास्त्र-गुरु पूजा Sri dev-Sastra-guru pooja
देव-शास्त्र-गुरुवर अहो! मम स्वरूप दर्शाय |
किया परम उपकार मैं, नमन करूँ हर्षाय || जब मैं आता आप ढिंग, निज स्मरण सु आय |
निज प्रभुता मुझमें प्रभो! प्रत्यक्ष देय दिखाय || ओं ह्रीं श्री देवशास्त्रगुरु समूह! अत्र अवतर! अवतर! संवौषट् (आह्वाननम्)।
ओं ह्रीं श्री देवशास्त्रगुरु समूह! अत्र तिष्ठ! तिष्ठ! ठः ठः! (स्थापनम्)। ओं ह्रीं श्री देवशास्त्रगुरु समूह! अत्र मम सन्निहितो भव! भव! वषट् (सन्निधिकरणम्)।
Dēv-śāstra-guruvara aho! mam svarūp darśāya | Kiyā param upakār maim, naman karūs harşāya ||
Jab mais ātā āap dhing, nij smaran su āya | Nij prabhutā mujh mēm prabhā! pratyakşa dēy dikhāya || Om hrī śrī dēv-śāstra-guru samūh! atra avatara! Avatara!
samvousat! (āhvānanam) Om hrīm śrī dēv-śāstra-guru samūh! atra tishtha! tishtha! tha:! tha:!
(sthāpanam) Om hrīm śrīdēv-śāstra-guru samūh! atra mam sannihito bhava bhava
vasat!(sannidhikaranam)
(शंभू छन्द) जब से स्व-सन्मुख दृष्टि हुई, अविनाशी ज्ञायक रूप लखा | शाश्वत अस्तित्व स्वयं का लखकर, जन्म-मरणभय दूर हुआ ||
श्री देव-शास्त्र-गरुवर सदैव. मम परिणति में आदर्श रहो।
ज्ञायक में ही स्थिरता हो, निज भाव सदा मंगलमय हो || ओं ह्रीं श्री देवशास्त्रगुरुभ्यः जन्मजरामृत्युविनाशनाय जलं निर्वपामीति स्वाहा।
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