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हस्तिनापुर तीर्थ की आरती
हस्तिनागपुर तीरथ की हम, आरति करने आए। आरति करते तीरथ की, निज अन्तर्मन खिल जाए || बोलो जय जय जय-२, प्रभू की जय, जय, जय || टेक.। है इतिहास प्रसिद्ध तीर्थ यह, अतिप्राचीन सुपावन इस भूमी का वन्दन कर लो, अद्भुत है मनभावन ।। देवों द्वारा रची गई .....
देवों द्वारा रची गई, नगरी की महिमा गाएं। आरति....॥१॥ वर्तमान के तीन तीर्थंकर, इसी धरा पर जन्में | चक्रवर्ति अरु कामदेव तीनों पदवी से त थे। तीन बार आ धनदराज ने..
तीन बार आ धनदराज ने, रत्न बहुत बरसाए । । आरति.. प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव की, प्रथम पारणा भूमी । दानतीर्थ का हुआ प्रवर्तन, धन्य हुई यह भूमी
अक्षय तृतिया पर्व आज भी..
अक्षय तृतिया पर्व आज भी, वह इतिहास बताए।। आरति.. रक्षाबन्धन पर्व, महाभारत, की जुड़ी कहानी । मनोवती की दर्श प्रतिज्ञा, शुरू यहीं से मानी || सति सुलोचना, रोहिणि रानी..........
सति सुलोचना, रोहिणि रानी, की विख्यात कथाएं | | आरति... गणिनी ज्ञानमती माताजी, नई चेतना लाईं।
स्वर्ग सरीखे जम्बूद्वीप से, विश्वप्रसिद्धि कराई।। करे " चन्दनामती” वंदना.........
करे “चन्दनामती” वंदना, ज्ञान ज्योति जग जाए।।आरति.....................॥५॥
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