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श्री महालक्ष्मीमाता की आरति श्री महालक्ष्मीजीनी आरती (रागः- हे शंखेश्वर स्वामी) जय लक्ष्मी माता, मा जय लक्ष्मी माता, तुमकु नीशदिन सेवत (२)
हर विष्णु धाता. जय....... ब्रह्माणी रुद्राणी कमला, तुं ही पे जग माता (२) सूर्य चंद्रमा ध्यावत (२) नारदऋषि गाता...जय... दुर्गा रुप निरंजन, सुख संपत्ति दाता (२) जो कोई तुमकु ध्यावत (२)
अष्ट सिद्धि पाता. जय... तुंही हे पाताल बसंती, तुंही शुभ दाता (२)कर्म प्रभाव प्रकाश (२)
जगनिधि हे त्राता... जय.... जीस घर थोरी बासे जाहिमें गुण आता (२)करन शके सो करले (२)
____धन नहि धरता....जय..... आरती लक्ष्मीजीकी जो कोई नर गाता (२)उर आनंद अति उमंगे पार उतर जाता...जय....
अटाता
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