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________________ शब्दानुक्रमकोष बनारसी-नाममालामें जो शब्द प्राकृत या अपभ्रंश भाषाके हैं अथवा इन भाषणोके शब्दाक्षरोसे मिश्रित हैं उनके साथ इस कोषमें उनका पूरा संस्कृत-रूप अथवा जिन अक्षरोंके परिवर्तनसे वह रूप बनता है: उन अक्षरोंको ही ब्रकट ( ) के भीतर दे दिया है, जैसे 'श्रगिनि' के साथ (अग्नि), 'अचुन' के साथ (अच्युत), 'अनुकोस' के साथ (कोश), 'ईस' के साथ (श) लगा दिया है। इससे पाठकों को दो सुविधाएँ होंगी-एक तो वे उन शब्दोंके संस्कृत रूपको जान सकेंगे, दूसरे आज कलकी हिन्दी भाषामें जो प्राय: संस्कृत शब्दोका व्यवहार होता है उनके अर्थको भी वे इस कोपपरसे समझ सकेंगे। बाकी अधिकाँश शब्द संस्कृत भाषाके ही हैं, कुछ ठेट हिन्दी तथा प्रान्तिक भी है, उन सबको ज्योंका त्यों रहने दिया है। हाँ, ठेठ हिन्दी तथा प्रान्तिक शब्दोके आगे ब्रैकट [ ] में देशीका सूचक 'दे.' बना दिया है । और सब शब्दोंके स्थानको सूचना दोहोंके अंकों द्वारा की गई है। ~सम्पादक
SR No.009237
Book TitleBanarsi Nammala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir
Publication Year1941
Total Pages112
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size2 MB
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