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________________ ३२ बनारसी-नाममाला १ १६ अवरज अनुज कनिष्ट लघु, ११"वीर सुबंधव भ्रात ८२ ११"मुनि भिक्षुक तापस तपा, जोगी जती महंत * ! व्रती साधु ऋषि संयमी, ११ पागम ग्रंथ सिद्धत ।८३, १२° उपदेशक उवझाय गुरु, प्राचारज गुनगसि । १२ राजसूय नृपयज्ञ क्रतु, १२२ दीक्षिन अंतेवासि 1८४| १२१ विबुध सूरि पंडित सुधी, कवि कोविद विद्वान । कुसल विचक्षन निपुन पटु, क्षम प्रवीन धीमान १८५ ११६ छोटे भाईकेनाम ११७ वाँधव नाम ११८ साधुनाम । *नाटक समयसारमें इस नामका निम्न पद्य पाया जाता है: मुनि महंत नापस तपी, मिच्छुक चारितधाम । जती तपोधन संयमी, व्रती साधु ऋषि नाम ॥ ४६॥ ११६ शास्त्रनाम १२० गुरुनाम १२१ राजयज्ञनाम १२२ शिष्यनाम १२३ पंडितनाम + इस नामके नाटक समयसारमें निम्न दो पद्य पाये जाते हैं:निपुन विचच्छन विबुध बुध, विद्याधर विद्वान । पटु प्रवीन पंडित चतुर, सुधी, सुजन मतिमान ॥४४॥
SR No.009237
Book TitleBanarsi Nammala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir
Publication Year1941
Total Pages112
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size2 MB
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