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धवला उद्धरण
सोहम्मीसाणे य सोहम्मे माहिदे पढम
सोहम्मे सत्तगुसं
संकलणरासिमिच्छे संकाइसल्लरहियो संकामेदुक्कड्डदि जे संखा तह पत्थारो
संखो पुण बारह संगमाण विहत्ते संगह - णुग्गह- कुसलो संगहिय-सयल - संजममेय
संछुहइ पुरिसवेदे
संठाविदूण रूवं संते व णणिट्ठादि
संपुणं तु समग्गं
संभवमरणविवज्जिय
संसेदिम-सम्मुच्छिम सांतरणिरंतरेण य सांतरणिरंतरेदरसुण्णा स्याद्वादप्रविभक्तार्थ
स्वयं ह्यहिंसा स्वयमेव हिंसनं
हय-हथि-रहाणहिवा
हारान्तरहृतहाराल् हेट्ठा मज्झे उवरिं
हेट्ठिमगेवज्जेसु अ हेतावेवम्प्रकारादौ तावेवम्प्रकारादी
2/7
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ह
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