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धवला पुस्तक 12
209 भी घात को प्राप्त हो चुका है तो भी वह जघन्य अनुभाग की अपेक्षा अनन्तगुणत्व को छोड़कर शेष पाँच अवस्थाविशेषों में प्राप्त नहीं होता है, क्योंकि अक्षपक के विशुद्ध परिणामों द्वारा घाता जाने वाला अनुभाग क्षपकों द्वारा घाते जाने वाले अनुभाग की अपेक्षा अनन्तगुणा पाया जाता है।।5।।