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अग्निचोरभयं नास्ति, नास्ति तस्याप्यरिभयम् ४ ॐ ह्रीं श्री घंटाकर्ण ! नमोस्तु ते ठः ठः ठः स्वाहा
श्रीघंटाकर्ण मंत्र ॐ क्रौं ब्लूँ ह्रीं महावीर ! घंटाकर्ण ! नमोस्तु ते ठः ठः
ठः स्वाहा
माणिभद्र मंत्र ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ब्लौँ क्रीँ श्रीमाणिभद्रवीराय चतुर्भुजाय हस्तिवाहनाय मम कामार्थ सिद्धिं कुरु कुरु
स्वाहा।
क्षेत्रपाल मंत्र ॐ क्षाँ क्षी vौं क्षौं क्षः क्षेत्रपालाय नमः, ॐ ह्रीं क्षौँ सर्वोपद्रवं रक्ष रक्ष स्वाहा।।
श्री गुरुपादुका स्तोत्र अनन्तसंसार समुद्रतार, नौकायिताभ्यां गुरुभक्तिदाभ्याम् । नौकायिताभ्यां गुरुभक्तिदाभ्याम् |
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