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मातानी कूखे आवी, नवमास ऊधो रहीयो, त्यां दुःख अनन्तु, लहीयो रे, जागीने जो तुं. बालपणामां समज्यो, न देव गुरु सेवा, रमवू ने मीठा मेवा रे, जागीने जो तुं. जुवानीमां युवतीनां संग बहु खेल्यो, तें धर्मने पडतो मेल्यो रे, जागीने जो तुं. पैसाने माटे पापो, कर्या तें बहु भारी, ते आतमने विसारी रे, जागीने जो तुं. राग द्वेषे वाह्यो, अज्ञाने भरमायो, नाहक ज्यां त्यां धायो रे, जागीने जो तुं. सुखे दुःखे प्राणीने, एक दिन मरवू, पण काम वधार्यु वरवू रे, जागीने जो तुं. करीश तुं जेवू भाई, पामीश भाई तेवू, कोईने कांई न कहेवू रे, जागीने जो तुं. स्वप्ननी जूठी बाजी, रह्यो | तेमां राजी, कोईने कांई न छाजी रे, जागीने जो तुं. बुद्धिसागर भव्यो! चेतजो विचारी, समजो नर ने नारी रे, जागीने जो तुं.
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