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सुरनर मुनिवर जिनके चरणे, निशदिन शीश झुकाते है जो गाते हैं, प्रभुकी महिमा, वो सब कुछ पा जाते है अपने कष्ट मिटानेको, तेरे चरणोमें वंदन होगा
............ जिनकी प्रतिमा० १ तुमने तारे लाखो प्राणी, ये संतोकी वाणी है तेरी छबी पर मेरे भगवन्, ये दुनिया दिवानी है रूमझूम तेरी पूजा रचाये, मंदिरमें मंगल होगा
.जिनकी प्रतिमा० २ तीन लोकका स्वामी तू है, तू जगत का दाता है जन जनमसे ये मेरे भगवंत, तेरा मेरा नाता है भवसे पार उतरने को मेरे, गीतों का सरगम होगा
................... जिनकी प्रतिमा० ३ भगवान एक वरदान आपी दे तुं मने भगवान एक, वरदान आपी दे ज्यां वसे छे तुं मने, त्यां स्थान आपी दे हुं जीq छु ए जगतमां, ज्यां नथी जीवन जिंदगी, नाम छे बस, बोज ने बंधन आखरी अवतार, मंडाण बांधी दे............ ज्यां वसे छे० १
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