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________________ स्वागत पूजाविधि और देवी उपासना में भारतीय जनगण की गहरी आस्था हमेशा से रही है. कोई कुछ भी कहे परंतु देवी उपासना से मन को अपूर्व शान्ति मिलती है उसमें दो राय नहीं है. मेरा खुद का अनुभव है कि मैं जब कभी भारी आपत्ति महसूस करता हूं - और राजनीति में तो कदम कदम पर ऐसे क्षण आते रहते हैं – तब देवी माता का स्मरण मेरी आपत्तियों को अवसर में बदल देता है. मेरे जीवन में ऐसे कई अवसर आए जब देवी माता के स्मरण ने मेरी रक्षा की. मेरा अनुभव है कि सच्ची श्रद्धा से की गई पूजा अवश्य ही फल देती है. जैन धर्म के जाने माने विद्वान मनीषी पूज्य श्री मित्रानंदसागरजी महाराज द्वारा तैयार की गई देवी माता की पूजा पद्धति से भाविकगण निश्चय ही वो लाभ प्राप्त करेगा जो मैं ऊपर कह चुका हूं. पूज्य मुनिश्री की संतचेतना सर्वविदित है और देवी माता की उपासना में वे अटूट विश्वास रखते हैं. ___ मैं आशा करता हूं कि इस पूजा पद्धति के प्रकाशन से न केवल जैन समाज को, वरन समग्र मानव समाज को भारी आध्यात्मिक लाभ होगा. - एन. सी. जैन राजभवन, जयपुर दि. २१-७-२००३ (श्री निलयंद्र हैन) રાજસ્થાનના માનનીય રાજ્યપાલશ્રી
SR No.008819
Book TitlePadmavati Havan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Sagaranandsuri
PublisherNirgrantha Foundation Ahmedabad
Publication Year2003
Total Pages32
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Ritual_text, & Ritual
File Size1 MB
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