SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 102
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ६४. योग्यता जब हम किसी को उपदेश देने के लिए जायें, तब पहले हमारी स्वयं की भावना शुभ होनी चाहिए । शुभ भावना से औरों पर उपदेश का अच्छा असर होता है । ___ गौतमस्वामी जब अष्टापद पर्वत से नीचे आये तब उन्होंने कई तापसों को अपनी अक्षयलब्धि द्वारा खीर का पारणा कराया । इस खीर को खाने के बाद पाँच सौ तापसों को केवलज्ञान हो गया । कारण, गौतमस्वामी शुभ भाव से औरों के पास जाते थे । दूसरों को सुधारना हो तो उनके पास जाकर बोध देना चाहिए । दूर से दिये गये बोध का कोई असर नहीं होता । ज्ञान से, समझ से और विचारों की लेन-देन से मनुष्य को बोध प्राप्त होता है । जगत में समझदार लोग असंभव में से भी संभावित को प्राप्त कर लेते हैं । भगवान महावीर ने कहा है, "आप लोगों में और मुझ में अन्तर यही है कि मेरे अंदर जो था, उसका मैंने ठीक-ठीक उपयोग किया । आप लोग उसका सही उपयोग नहीं करते हैं । हम जैसा चाहें वैसा अवश्य बन सकते हैं, केवल मन, वचन, और काया को योग्य । बनाना पड़ता है।" CERY ८७ For Private And Personal Use Only
SR No.008736
Book TitleSamvada Ki Khoj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmasagarsuri
PublisherArunoday Foundation
Publication Year1990
Total Pages139
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy