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१६२. चौदह स्वप्न और उनका फल, (१) चार दंतशूलवाला हाथी - अर्थात् चार
प्रकार के धर्म – दान, शील, तप, भाव
युक्त बालक होगा। (२) वृषभ- धर्मरूपी बीज बोकर खेती
करेगा । (३) शेर- कामरूपी हाथी को मारने में
समर्थ होगा । (४) लक्ष्मी- संपत्ति का वर्षीदान करेगा । (५) फूल की माला- तीनों भुवनो में फूल
की तरह सम्मान पायेगा । (६) चंद्र- पुत्र की कांति चंद्र के समान होगी। (७) सूर्य- भामंडल से सुशोभित होगा । (८) ध्वज- तीनों भुवन में धर्मध्वजा __फहरानेवाला होगा। (९) कलश-धर्मकलश चारों ओर चढ़ायेगा । (१०) सरोवर- देव उसकी पूजा करेंगे । (११) रत्नाकर- केवलज्ञानी होगा । (१२) विमान- वैमानिक देव पूजा करेंगे । (१३) रत्नराशी-अनंत गुणों के स्वामी बनेंगे । (१४) अग्नि की ज्वाला-तीनों लोक को शुद्ध
पवित्र बनायेगा ।
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