SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 28
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org २२ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चटा देना । थोडी देर के बाद गरमी आ जाओगी और वृद्ध दो मिनिट तक बोल सकेगा । औषध का डोस दिया गया । शरीर में गरमी आग | बच्चे पिताजी से कहते है- “पिताजी सब कुछ बताओ । बही चोपडा कहां रखा है - सब बता दो । बच्चो का व्यवहार में सहयोग नहीं था । इसलिए पिता का बच्चों पर विश्वास नहीं था । हमेशा कहते थे कि तुम तो दीवाला निकालोगे। कितने साल से पिता के मन में वहीं संस्कार थे । पिताजी बेटे से कहते है - "उधर देखो वह बकरी अंदर घुस कर झाड़ू खा रही थी । इतनी देर से मैं इशारा कर रहा हूँ आप कुछ समझते भी नहीं । इतने में दवा का असर खतम हो गया । बच्चे सोचते है-“ ५०० रूपये फोकट में गए। पांच रूपये खर्च कर के दो आने का झाडू मिल गया । जीवन को सुधरना है, तो पहले जीवन को संस्कारित करना चाहिये । अच्छे संस्कार जीवन के अन्तिम समय आनंद देंगे | जीवन में समाधि देंगे । स्वस्थता और शांति देंगे । For Private And Personal Use Only
SR No.008727
Book TitlePadmaparag
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmasagarsuri
PublisherShantilal Mohanlal Shah
Publication Year1979
Total Pages39
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Discourse
File Size3 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy