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जीवन व्यवहार
१०७ अलग है, टेक्निक अलग-अलग है. आप कहीं से दूध लोटे में लेकर आ रहे हो और रास्ते में ऐसे मित्र का घर हो जिसके यहाँ दस बीस गायें हो, छाछ मुफ्त में मिलती हो. आप छाछ ले लेंगे लेकिन मुझे ये बताये कि आप दूध किस हाथ में पकड़ेंगे. राईट हैण्ड में पकड़ेंगे. क्योंकि दूध मूल्यवान वस्तु है. उसे कसकर पकड़ेंगे. कहीं ठोकर लग जाये तो छाछ भले ही गिर जाय पर दूध नहीं गिरने देंगे. याद रखें मजहब का लोटा बाएं रखें और आत्मा का दांये हाथ में. ये लक्ष्य लेकर चलेंगे तो कभी मन में साम्प्रदायिक दुर्भावना नहीं आयेगी. जीवन जीने की कला :
अमेरिका में कुछ वर्ष पहले एक घटना घटी. यहाँ तो हम खाने के बाद गुणानुवाद तो दूर रहा, अवर्ण वाद जरुर करेंगे. एक व्यक्ति ने अपनी मंगल भावना के साथ भोज का आयोजन किया. लोग खाने बैठे, उसने खीर परोसी तो उसको खाकर एक व्यक्ति ने अनुमोदना करने के बजाय उल्टा मुंह बिगाड़ा जैसे केस्टर आयल पी लिया हो.
आपने कभी मुसलमानों से नहीं सिखा की कार्य की अनुमोदना कैसे करें? मुसलमानों के यहाँ भी भोज के आयोजन होते हैं. आप किसी भी मुसलमान से पूछ ले-भई, उसने क्या खिलाया? वह भले ही तेल का सीरा खाकर आया होगा पर यही कहेगा- क्या लाजवाब रसोई थी. सुबह खाया था. शाम तक मुंह से सीरे का ही स्वाद आता रहा. वो खाने की अनुमोदना ही करेंगे न कि हमारी तरह मुंह बिगाड़ेंगे. कभी अपने जाति भाई की निन्दा नहीं करेंगे.
मुसलमानों का यह गुण आपको भी अपनाना चाहिये. अपने जीवन व्यवहार में इस गुण का समावेश करे. किसी के अच्छे कार्य की अनुमोदना ही करें न कि आलोचना.
जीवन जीने की एक कला यह भी है. अमेरिका की यह घटना है. रात्रि का समय; एक व्यक्ति अपनी गाड़ी से समुद्र के किनारे-किनारे जा रहा था. समुद्र के किनारे की हवा खाने का मन हुआ तो गाड़ी रोकी और उतर कर समुद्र की तरफ चला गया. पीछे से कोई बड़ी गाड़ी निकली. हाइवे रोड पर एक गाड़ी खड़ी देख कर पीछे वाली गाड़ी के ड्राईवर ने सोचाये गाड़ी यहाँ क्यों खड़ी है. कहीं कोई दुर्घटना तो नहीं हो गई. उसके मन में कई तरह की शंकायें जन्म लेने लगी. मानवता के नाते मेरा कर्तव्य है कि मैं उसकी रक्षा करूं, उसे मित्र को लेने एयरोड्राम जाना था, देर हो रही थी. पर यहाँ मानवता का सवाल था. मानव जीवन के कर्तव्य की पुकार थी. अपनी गाड़ी से नीचे उतरा और अगली गाड़ी के अन्दर झांक कर देखा. गाड़ी खाली थी और काफी दूरी पर समुद्र की ओर एक आदमी उसे जाता हुआ दिखाई दिया. उसके दिमाग में आया कि- ये अवश्य ही आत्मघात के लिए जा रहा है. संसार से दुखी लगता है, ये अवश्य मर जायेगा. वह दौड़ कर अगले व्यक्ति के नजदीक आया और उसे समझाया-मित्र, यह जीवन बड़ा मूल्यवान है. मरना बड़ा सरल है, क्यों कायर की तरह मर रहे हो. ये मेरा एड्रेस और ये ५ डालर रखो. अगर भूखे हो तो खाना खा लेना. कल मेरे आफिस
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