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नाश करते हैं।
मैत्री का,
(1) कुवचन :(2) कु कर्म :- (3) कु मन्त्री :- (4) कु गुरु :-
कीर्ति का, राष्ट्र का धर्म का,
रात में जगने वाले :(1) पहले प्रहर में :- सभी। (2) दूसरे प्रहर में :- भोगी। (3) तीसरे प्रहर में :- चोर। (4) चौथे प्रहर में :- योगी।
शर्म नहीं रखनाः(1) फटे पुराने कपड़ो में। (2) गरीब साथियो से । (3) बूढ़े माँ -बाप से । (4) सादे रहने मे ।
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