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श्री महावीर प्रभुतुं पारणं.
रत्न कुक्षीने जननी शिरोमणि, त्रिशला मात गणाणी रे; त्रण भुवनमां थइ हुं चावी, विश्ववत्सल ब्रह्माणी. म० ३० अंबादेवी शक्ति पुराणी, नाम अनेके गवाइ रे; दुनिया शांति श्वास ग्रहंतो, घरघर करती वधाइः म० ३१ बाल प्रभुमा देव देवीओ, प्रियपणु सहु जोती रे बुद्धिसागर वारि जाउं, प्रभुने वधावू मोती. म० ३२
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