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( २० )
आवशे. प्रथम भागमां पत्र विस्तार भययी ते दाखल करेल संबंधी जे जे महाशयो खबसे
नयी. श्रीमद्ना जीवनचरित
पूरी पाडशे तेमनी उपकारसह वीजा भागमां नोंध लेवामां आवशे.
अप्रगट कृतियो.
श्रीमद्नी जे जे कृतियो मळी तेनुं लीष्ट उपर आपवामां आव्युं छे तेम छतां हजी जे जे अप्रगट कृतियो रही होय ते संबंधी जाहेरखबरथी तथा पत्रव्यवहारयी प्रयत्न करवामां आवशे. श्रीमदनी अप्रगट कृतिओ मेळववामां जे जे महाशयो सहाय करशे तेमनी बीजा भागमां उपकार सह नोंध लेवाशे.
पुस्तको मेळवी आपनार महाशयोनो उपकार.
अमदावाद डेलाना उपाश्रय ज्ञानभंडारमांयी बने पक्षना मतभेद प्रसंगे पुस्तको न मळी शके तेवा संजोगोमां खास काळजी राखी श्रीमद्नी कृतियोनी प्रतिओ अपाववामां झवेरी भोगीलालभाइ ताराचंदे जे सहाय आपी छे तेमाटे तेमनो आभार मानुछु श्रीमद् देवचंद्रजीनी चोवीशी तथा अन्य वांचनयी तेओनो श्रीमदपर पूर्ण राग प्रगटेलो जणाय छे ने तेथी तेमणे आ कार्यमां सारी सहाय आपी छे.
वालुचरवाळा झवेरी अमरचंदजी बोथरा जेओ श्रीमद्नाः पूर्ण रागी ज्ञानरसिक भक्त छे तेमनो तथा श्रीमद्नी कृतिनां पुस्तको आपवा माटे श्रीमद् प्रवर्तक श्रीकांतिविजयजी तथा श्रीमद् विजयकमळसूरीश्वरजी, पन्यास लाभविजयजी, पन्यास केसरविजयजी, पन्यास गुलाबविजयजी, मुनि हेतमुनि, भोजक
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