________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
देवचंद्रजीकृत नयचक्रसार.
000000morronormone
मिलवे पण थयो नथी. सूक्ष्म छे. एक आकाशप्रदेशनी अवगाहना तुल्य एक परमाणु छे तो पण ते एक आकाश प्रदेशमां अनंत परमाणु समाय छे पण परमाणु मध्ये बीजं द्रव्य कोइ समाय नही माटे परमाणु द्रव्य सूक्ष्म छे अने नित्य छे जेटलं परमाणु द्रव्य छे ते खंधादिक अनेकपणे परिणमे पण परमाणु द्रव्य कोइ विणसी जाय नहीं एवु परमाणु द्रव्य छे. ते एक परमाणुमा एक रस होय, एक वर्ण होय, एक गंध होय अने लुखो, चिकणो, टाढो, उन्हो, ए चार स्पर्श मांहेला गमे ते बे फरस होय एवं एक परमाणु द्रव्य छे. इहां कोई पुछे जे ते परमाणु देखातो नथी तो केवी रीते मनाय तेने उत्तर जे घटपट शरीरादिक कार्य देखाय छे, ग्रहवाय छे, ते रूपी छे तो एहना संबंधनुं कारण परमाणु सूक्ष्म छ माटे इंद्रियज्ञाने ग्रहेवातो नथी, परंतु रूपीछे केमके अरूपीथी रूपी कार्य थाय नही ते माटेज परमाणु रूपी छे. तेथी ए स्कंध पण रूपी थया छे अने आकाश प्रदेश अरूपी छे तो तेनो अ. नंत प्रदेशी स्कंध पण अरूपी छे एम धारवू ते परमाणुना घणुकादिक स्कंध अनंता छे, तथा छुटा परमाणु ते पण अनंता छे ते वली खंधमां मिले छे तो बीजा खंधमांहेथी छुटा थाय छे एम खंध विसरी जाय ने परमाणु थाय तेनी वर्गणा अठ्यावीस प्रकारनी छे. ते अव्यावीस भेद कम्मपयडीयी जाणवा. एम एकला परमाणु ते पण अनंता तथा बे मिलीने खंध पाम्या तेवा खंध पण अनंता एमज संख्याताणुकना खंध पण अनंता तेमज असंख्यात परमाणु मिलि खंध थाय ते पण अनंता तथा अनंत परमाणु मल्या खंध थाय तेवा खंध पण अनंता ते ए जातिना खंध ते एक आकाश प्रदेश अवगाहे. आका
For Private And Personal Use Only