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(३१) नंता पुद्गल परमाणुआस्कंधनुं ग्रहणरुप क्रिया करे छे अने पुद्गल परमाणु कर्मस्कंधनो जीवने वळगवानो स्वभाव छे. पुद्गल परमाणुआ कर्मस्कंधो वलगवारुप क्रिया करे छे. अनादिकाळनां जीव अने पुद्गल एबे द्रव्य मळवा विखरवारुष क्रिया करे छे माटे सक्रिय जाणवां. ___ हवे ए छ द्रव्यमां नित्य केटलां अने अनित्य केटलां ते बतावे छे. निश्चयनये छए द्रव्य नित्य छे. अने निश्चयनये छए द्रव्य अनित्य पण छे. तथा व्यवहार नये तो चार द्रव्य नित्य जाणवां, अने बे द्रव्य अनित्य जाणवां. धर्मास्तिकायना अरुपी, अचेतन, अक्रिय, अने चलण सहाय, ए चार गुण, अने पर्यायमा धर्मा
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