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निवेदन.
जिनेश्वर कथित शास्त्रोनो पार पामर जीवो पामी शके तेम नथी तेमां पण (१) गणितानुयोग (२) चरणकरणानुयोग (३) कथानुं योग अने (४) द्रव्यानुं योग ए चारे विभागमा द्रव्यानुयोगनो सर्वथा प्रकारे पार तो कोइक ज्ञानी विरला पामी शके छे. आ विषयमा उंडा उतरवु अने आत्माने आत्मस्वरुपे अवलोकी, कैवल्य ज्ञान प्रगटावq ए घणुंज विकट कार्य छे. तेमां पण वर्तमान समये तथा पकारना ज्ञाननी रुचि थवी एतो महा पुण्यवंतनुं लक्षण जाणवू.
द्रव्यानुयोगना अनेक ग्रन्थो छे ते सर्व
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