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व्यापी अनंतां जाणवां, ते एकेक जीवना असंख्याता प्रदेश छे, अने एकेक प्रदेशे अनंति कर्मनी वर्गणाना थोकडा लाग्या छे. तथा जीवथकी रहीत घटपट दंड प्रमुख बीजा पुद्गलना छुटा स्कंध पण अनंता छे, माटे जीव थकी पुद्गल द्रव्य अनंतगुणां जाणवां, अने एकेकी कर्म वर्गणामां अनंत पुद्गल परमाणुआ रह्या छे ते परमाहुआ द्रव्य थकी सदाकाळ शाश्वता छ,माटे एकेक परमाणुआमां अनंता उत्पाद व्ययरुप कालना समय अतीतकाले व्यतीत थइ गया. तथा हजी पण अनंता समय आवते काले व्यतीत थाशे, अने परमाणुआ तो तेना तेज सदाकाळ शाश्वता छे. माटे पुद्गल द्रव्य थकी पण काळद्रव्यना समय अनंता जाणवा,
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