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(१०८) ४ प्रमेयत्वं-ए प्रमेयपणो छ द्रव्यमां छे. तेनो प्रमाण केवली पोताना ज्ञानथी करे छे. धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय अने आकाश ए अकेक द्रव्य छे. अने जीव द्रव्य अनंता छे. तेहनी गणतरी बतावे छे. संज्ञी मनुष्य संख्याता छे. असंज्ञी मनुष्य असंख्याता छे. नारकी असंख्याता छे. देवता असंख्याता छे. तिर्यंच पंचेंद्रिय असंख्याता छे. द्विन्द्रिय असंख्याता छे. त्रीन्द्रिय असंख्याता छे. चतुरिन्द्रिय असंख्याता छे, ते थकी पृथ्वीकाय असंख्याता छे. अपकाय असंख्याता. तेउकाय असंख्याता. वायुकाय असंख्याता. प्रत्येक वनस्पति जीव असंख्याता. ते थकी सिद्धना जीव अनंता. ते थकी बादर निगोदना जीव अनंतगुणा.
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