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श्रीसंभवनाथ वंदनावलि
संग्राहक
मुनीश्री धरणेन्द्रसागर
वीराब्दाः विक्रमसंवत्सरम् ख्रिस्तिसन् प्रारब्धम्-समाप्तम् - २५०३- २०३३ १९७७
लेखक के स्वाधीन प्रेरक : श्री पुरुषादानीय पार्श्वनाथ जैन संघ,
देवकीनंदन सोसायटी, अहमदाबाद प्रकाशयिति : श्रीसीमंधरस्वामि जिन मंदिर खात,
नेशनल हाईवे रोड, महेसाणा
मुद्रक : के. भीखालाल भावसार
श्री स्वामिनारायण मुद्रण मंदिर ४६, भावसार सोसायटी, नवा वाडज, अमदावाद-१३.
प्रतयः-एकसहस्रः...
...मूल्यममूल्यम्
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