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प्रभुने मातनी, -पासे मूकी जावे हो. सुरपति० ॥ ४ ॥ प्रातःकाले जन्मने जाणी, सिद्धारथ नृप भावे; प्रभु जन्मोत्सव देश नगरने, घर घरमां विरचावे हो; प्रभुजी जन्म्या जग जयकारी ॥ ५ ॥ शांति तुष्टि पुष्टि मंगल, - वायु भारत वायो; भारतमांही सोना सूरज, उग्यो प्रगट सुहायो हो. प्रभुजी० ॥ ६ ॥ भारतमां सुख शांति वर्तो, रोग उपद्रव शामो प्रभु कल्याणकयोगे जगत्मां, सर्वजीवो सुख पामो हो. प्रभुजी० ॥ ७ ॥ ओगणीश अठयोत्तर चैत्रसुदि, त्रयोदशी रविवारे; प्रभुमहावीरजन्म महोत्सव, गायो हर्ष विचारे हो. प्रभुजी० ॥ ८ ॥ प्रभु महावीर गावो भावो, रत्नादिकथी वधावो, सकलसंघमां आनंदमंगल, शांति पुष्टि था वो हो. प्रभुजी महावीर देव वधावो ॥ ९ ॥ जन्म कल्याणकपूजा गाई, विजापूरमां सारी, बुद्धिसागर आनंद मंगल, पामो नरने नारी हो. प्रभुजी महावीर देव वधावो ॥१०॥
ॐ प० श्री महावीरजिनेश्वरजन्मकल्याणक पूजार्थ ज० य० स्वाहा ॥
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