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लता टळनारी; स्थविरने नजीएजी, पशुने करता देव, स्थविरने यजीएजी. ॥ १॥ बीशवर्षदीदा पर्यायी, साठवर्षवयधारीजी; आपार आदि अंगना झाता, श्रुतस्थविरा सुखकारी. स्थविर ॥२॥ बालकग्लान संशयी चंचलने, धर्मविषे स्थिरकारीजी; परिणामिकबुद्धि अनुभवी जे, बालमुनि हितकारी. स्थविरण ॥ ३॥ प्रजमहावीरे मेघकुमरने, संयममां स्थिर कीधाजी; ठाणांग दश स्थविरा भा. ख्या, आतमरमणी प्रसिद्धा. स्थविर० ॥ ४ ॥ ज्ञानी ध्यानी मुनिवरा जे, स्वपरसमयना दरियाजी; बुद्धिसागर स्थविरमुनि शुभ, तारे ने जे तरिया. स्थविर ॥५॥
ॐ प० स्थविरपदपूजार्थ जलं. य० स्वाहा ॥
सतम साधुपदपूजा. आत्मस्वनावे जे रमे, परोपकारी महान् : सत्तावीशगुणधारका, प्रामो मुनि गुणखाण. १ ॥
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