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सिद्धायिका मंगलकारी, देवीओ हितकारी.
जिनपद भ्रमरी विजयादेवी,
सुजया रहाये आवोजी; अजिता ने अपराजितादेवी,
मुज रक्षा हित लावो.
ॐ वीर वीर महावीर जयवीर,
सेनवीर वर्धमानजी,
जया विजया ने जयंता अपरा-, जिता करशो कल्याण.
संघचतुर्विधजैनशासननी-, चढती निशदिन करशोजी; हाय अमारी वेगे करशो, आधिव्याधिदुःख हरशो.
धार्मिक व्यावहारिक सहुकाजमां,
वेगे मंगल पोजी;
शांति तुष्टि पुष्टि करशो, दारिद्र दुःख कापो.
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मंगल० ॥ १२
मंगल० १३
मंगल ॥ १४
मंगल० ॥ १५
मंगल० १६