________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
सर्व०४
सर्व० ५
सम्यग्दृष्टि देशवतीने, साधुतीर्थ जीवंता; व्यवहारे तीर्थी संघसर्वे, माने ते जैन जीवंतारे. तीर्थनी रक्षा सेवा भक्ति, तीर्थकरपददाइ; जंगमस्थावरतीर्थनी पूजा, करतां प्रभुता जणाइरे. तीर्थनी सेवाजक्तिथी निर्जरा, संवरने पुण्य थावे; सातक्षेत्रमा तन धन अर्पे, आतम सिद्ध सुहावरे. तीर्थमा तीर्थकर सातक्षेत्रो, स्थानक वीश समाता; तीर्थनी सेवा भक्ति करता, सर्वयोगो प्रगटातारे. तीर्थनी सेवानक्तिविना कोइ, सिद्ध थयो नहीं थाशे;
सर्व०६
सर्व०७
For Private And Personal Use Only