________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१एए पदवी पुछे मळतुं शुं अपमानजो उनियाना माने शुं मन मकलानगे, लक्ष्मी देखी शुं श्रावो गुलतानजो. हे लक्षाण ५ मरतां लक्ष्मी साथ न आवे जाणजो हाय हाय करतो जाइश तुं एकजो; लक्ष्मी लालच लोन वधे सोगणो, सत्यासत्यनो दलमा करो विवेकजो. हे लक्षा लक्षाधिपतियोनी राखो थ धणी, मरतां तेवी राखं तमारी थायजो; चेतो चेतो वैरागी थइ जागजो, नहि चेतो तो पाळधी पस्तायजो. हे लक्षात सात क्षेत्रमा लक्ष्मी खर्ची नावथी, अखि जननों करजो झट नहारजो, फोगट लक्ष्मी खर्चों नहि कुक्षेत्रमां, पुण्य कर्याथी स्वर्गादिक अवतारजो, हे लक्षा०८ शरीर न्यारु लक्ष्मी न्यारी डेवटे, एकीलो जीव जाशे कोइन साथजो; धर्म करीब्यो सदगुरु गमथी प्राणीया, सेवो श्री करुणालु जिनवर नाथजो. हे लक्षा धर्म करंतां सुखिया जगमां प्राणिया, शाश्वत सुखमां सहेजे तेथी थायजो; बुद्धिसागर अवसर पापी चेतजो,
For Private And Personal Use Only