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॥ पद १२ ॥ अंधारे अश्रमाणोरे, मायामां नली, लालवधी लश्रमायो रे, मायामां नली. आवो मानव नवमां करवानुं ते विसायु, पण जq पके अणधायु रे मायामा कोण तारुं नवमां धिचारो वात वहेलो, वखत वहेठे नेल्लो रे. माया जाणे तुंतो मरवू नथी ने कोई काळे, पण ऊपटे मृत्यु अकाळे रे माया जाणे जगमां मारा जेवो नश्री समजेलो; पण काल ऊपटशे पहेलो रे, माया २ जन्म्या तेने जावं जरुर चित्त धारो। देश तुमारो न्यारो रे
माया साचो आतमराया गुरु कृपाश्री पामी; थाजो तस विश्रामी रे. माया०३ फोगट वखत शुं गाळो, नरवो पमे नचाळो; नजरे जगमा नानो रे.
माया० प्रातम प्रीति साची रहेजो सदा त्यां माची बुद्धिसागर राची रे. मायामां ४
॥ पद १०३ ॥ साचो अन्तर स्वामि आतम दीलमां ध्यावजेरे,
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