________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
वक्तव्य. ज्ञानयात्रा संघप्रयोजन अने प्रबंध. तीर्थयात्रा संघ पाछळ द्रव्यव्यय करनार करावनार संघपतिओनी जेम ज्ञानयात्रा संघर्नु प्रयोजन पण आवश्यक जणायाथी संवत १९७० ना फागण सुद ६-७-८ मार्च सने १९१४ना दिव. सोमां जोधपुर मुकामे "जैन साहित्य संमेलन" श्री विजयधर्म सूरिजीना नेतृत्व नीचे थयु हतुं. अने ते वखते जैन जैनेतर विद्वा. नोना निबंधोनुं वांचन थवा उपरांत कमीटीओ नीमी-ठरावो करी संमेलन पूर्ण कर्यु हतुं (जुओ जैन साहित्य संमेलन कार्य विवरण भा. १-२ ) पण पाछळथी कमीटीओ मळी शकी नही ने सूरिजीए कार्यविवरण प्रसिद्ध कर्यु अने बीजा अधिवेशन माटे सूरिजीए घणा प्रयासो सेव्या छतां तेओ ते जोइ शक्या नहिं.
सने १९२४ ना मे मासनी २२-२३-२४-२५ ना दिवसोमां सूरत मुकामे श्री जैन साहित्य परिषद् भराइ. तेमां जैन जैनेतर विद्वानोना निबंधोनुं वांचन थइ ठरावो विगेरे थयां अने तेनी ओ. फीस मुंबाइ मुकामे रखाइ तेना ऑन. सेक्रेटेरीओ तरीके जवेरी जीवणचंद साकरचंद साथे रा. मणिलाल मोहनलाल पादराकर अने रा. मोहनलाल भगवानदास जवेरी सोलीसीटर निमाया. (परिषद् विवरण माटे जुओ महिला भूषण पु. ५ अंक १-२ सं. १९८० जेष्ट अषाडनो सुरत जैन साहित्य परिषद् अंक )
आ परिषद् परत्वे पेथापुर मुकामे योगनिष्ठ साहित्याचार्य श्रीमद् बुद्धिसागरजी सूरीश्वरजी समक्ष चर्चा चालतां परिषद्ना श्रीजा ठरावना त्रीजा ठरावने वधु समर्थन योग जाणी श्रीमद् गुरुए ज्ञानयात्रा संघप्रयोजनने सार्थक करवा माटे लागणीपूर्वक प्रबंध
For Private And Personal Use Only