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321 रस रत्नाकर
लोकस्वरुप रसीक स्तवनावली.
वज्जालग्गा Vajjalagga राघवपान्डवीय-द्विसंधानकाव्य । वज्जालया-वज्जालगा राजप्रश्चिय
वरदत्तगुणमंजरी कथा राजवार्तिक
बराङनृप चरित्र राजा प्रदेशीनो रास
वर्षमान पुराण राजावलिकथा
वसुदेव हिंण्ड रामचंद्रचरित्रपुराण-पम्पा रा
वस्तु कोष मायण
वस्तु पाल चरित्र रामचरित्र रामायण (रामचरित्र)
वस्तु पाल प्रशस्ति
वाक्य प्रकाश रायपसेणीय्य (राजप्रश्नीय)
वाक्यमंजरी रायमल्लाभ्युदय महाकाव्य रिषहदेव चरिय
वागभट्टालंकार रुषित दंडक स्तुति
वासु पुज्य चरित्र लघु क्षेत्र समास
विशति विहरमान जिनस्तवन लघुवृत्ति
विक्रम चरित्र लघु शान्ति पुराण
विक्रम प्रबंध लघुसंग्रहणी
विक्रमादित्य चरित्र (सिंहाललित विस्तरा पंजिका
सन द्वात्रिंशितकथानक लिंगानुशान
विक्रमार्जुन विजय-पम्पा भारत लीलावती
विचार मंजरी लुप्पाकमत कुट्टण
विचाररत्न संग्रह लोकतत्वनिर्णय
विचारश्रेणि लोकनालद्वात्रिंशिका विचार षट् त्रिंशक (दंडक). लोक प्रकाश
... । विचार सार
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