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स्तुति]
[स्थविरा २९४१ स्तुति कल्पलता. (यशो विजयजी कृत) रु. ०-८-०
(कीमत नथी) भावनगरना रतनजी वीरजी प्र. की.
नयी. (प्र. ७८०, ५०) २९४२ स्तुति संग्रह अवचुरि सहित (पाना) बप्पभट्टसूरिविरचिता.
(जिनप्रभसूरिविरचिता इत्यादि संग्रह. (पति) (३३,
३२९, ५०) २९४३ स्तोत्रभानु, नन्दनविजयकृत. (३८५, ३८६) २९४४ स्तोत्र रस्नाकर. प्रथम भाग. सटीक.
(१) श्री धर्मघोषवरि कृताभिश्चतुर्विशति जिन
स्तुतिभिः (२) धर्मसिंह कृत. श्री वीर नेमि-सरस्वती स्तुति
गर्भित समस्याबद्ध भक्तामर स्तोत्र त्रयेण संगृहीतः (३) उदयमुनिप्रणीत वाक्य प्रकाशेन चमिलितः
(३३, २२९) , , द्वितीय भाग सटीक. जिनवल्लभकत प्रश्नोत्तर शतक, जयतिलकसूरिकृत चतुर्विंशति चित्र स्तव, पूर्व सूरि कृत. प्रश्नावली पार्श्वचंद्रकवि कृत, महावीर स्तव तथा वर्धमान स्तोत्र द्वय श्री पार्वजिनस्तोत्र षट्कैन संग्रहीत, नेमि स्तवन, विहरमाण स्तव, एकाक्षर विचित्र काव्य षट् श्लोकी, चतु ऋोकी स्तुति सं.
१९७० रु. १-२-० (३३, २२९, ५०) २९४५ स्थळ नामकोश मराठी. (५०) २९४६ स्थविरावली. मेरुतुंगाचार्य कृत. (जुमओ साहित्य संशोषक
खंड २ अंक २)(८८)
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