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२०४
पाधि
, ,, मुनिभद्रवरि विरचित. पचात्मक (१४,४७) " , हिन्दी सचित्र. रु. ४-०-० ,, ,, (भावचंद्रसूरि विरचित ) गद्यात्मक (पति)
(६६९) " , उपरनानु भाषान्तर. रु. २-०-० से.
१९७८ (६) ,, चरित्रम् पंन्यास मेघविजय. नैषध महाकाव्यनी
पादपूर्तिरुप लखायुं छे. अने शान्तिनाथ भगवाननुं
चरित्र वर्णन कर्यु छे. रु. १-०-० (७७) २४६५ शान्तिनाथ चरित्रम् पंन्यास मेघविजयगणि. रु. १-०-०
(५६, ४७) . २४६६ शान्तिनाथ चरित्र (पयबन्ध ) प्रत. रु. १-४-.
" (मत) रु. १-२-० (३२)
,(मुनिभद्रसूरिकृत) रु. ३-०-० (६७,७६) " ,संस्कृत. गद्य भावचंद्रकृत. (६)
" रु. ०-४-० २४६७ शान्तिनाय पुराण (दि०) मूल सकलकीर्ति रु.७-४-० अनु. (६७१, ५०)
[(२५) २४६८ शान्तिनो मार्ग. पं. केसरविजय. सं. १९८० रु.०-४-०
, , , सं. १९७८ (५२१, ६७२) २४६९ शान्तिप्रकाश. (जुओ आत्म हितबोध) २४७० शालिभद्र चरित्र. (संस्कृत) पं. धर्मकुमार विरचित. अपूर्व
कया अथ. टिप्पण सहित. (प्रति) रु. १-४-० (१४, ५०, ४३०)
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