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न्याय]
[न्याय १४९२ न्यायकुसुमांजलि. कर्ता न्यायविजय. महावीर पूना.
अपरनाम. सं. १९७० रु. ०-४-० (१४, १०) १४९३ न्याय खंड खाद्य. (पाना) रु. १०-०-०
, , महावीर स्तवन प्रकरणम् (११) १४९४ न्यायतीर्थ प्रकरण. (संस्कृत) न्यायविजय. (धर्म विजय.)
न्यायग्रंथ. सं. १९६९ रु. ०-४-० (४१०, १०) १४९५ न्यायदीपिका. संस्कृत. (न्यायग्रंथ ) धर्म भूषणयति विर
चित. (दि.) रु. ०-१२-० (४११) , , भाषा टीका हिन्दी ४२०९ (दि.) (४१२, ५०)
" , विगेरे. दि. (५०) १४९६ न्यायालोक. (११) १४९७ न्यायरत्नजीकी बे इन्साफी हिन्दी. (४१३, ५०) १४९८ न्यायरत्नदर्पण मुफत. शान्तिविजय. ( ठाणा) १४९९ न्यायशिक्षा, न्यायविजयजी न्यायतीर्थ. रु. ०-४-०
(१४, ७१) १५०० न्यायसार. सर्वज्ञ प्रणीत. जयसिंहसरि विरचित. न्याय
तात्पर्य दीपिका नामनी टीका सहित. महोपाध्याय.
सतीशचंद्र विद्याभूषणेन.परिशोधितः (२९, ५.) १५०१ न्यायसिंधु प्रकरण. विजयनेमिसूरीश्वर प्रणीत. अमूल्य. . (११) १५०२ न्यायसंग्रह. सटीकम् हेमहंसगणि संगृहीतः रु. ३-०-० १५०३ न्यायसंग्रह. (न्यायार्थ मंजूषा ) रु. ३-०-० प्र. हर्षचंद
मुराभाइ (महुम) श्री हेमहंस गणि संगृहीत. (७१) १५०४ न्याय संदर्भित. आत्महित शिक्षा याने योग्यता दर्शक रू.
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