________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
९७ १०५
१५
संस्तु
१०८
~
सर्वकाले प्रबलवर शशी वक्तुमुप
११० १२४९
Our v
स्वर्गों
سم
१४८ १४८
م
१४९ १५०
سم سم
१५१
सस्तु । सर्वकाले प्रभूतवर शशी: क्क्तु मुप स्वगौजलजेक्षणं मोक्षदम् - विभिन्न पुंजम् भ्रकूटिं वन्दो बिभतु गुणामु भूवि वित पुण्या : तद्ददरव द्विमुखान्वद्ध्यानगिगै
पभेक्षणं शर्मदम् विभिन्न पुञ्जम्ध्रुवश्च वृन्दो बिभर्तु गुणानु
م
۸
or
१५१ १५३ १६३ १६३
११ १४
भुवि
arror
२०१ २०२
विहङ्ग पुण्यातहदस्व पराङ्मुखात्वद्धयान गिरौ परमा
२०४
२०९९
पगमा
For Private And Personal Use Only