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( ६ )
स्थापना थइ छे. ते संबंधी जैनाचार्योनी पट्टावलीमां लखवामां आव्युं छे जैनोनी प्राचीन अने अर्वाचीन स्थिति नामना पुस्तकमां अमोए ओशवालेनी उत्पत्ति संबंधी विवेचन कर्ये छे. हाल ओशवाल ज्ञाति जैन धर्ममा मुख्य भाग भवे छे. जोधपुरपासे ओशानगरी हाल विद्यमान छे. उकेश - उपकेश ज्ञातिना प्रतिबोधक जैनाचार्यो पण उकेश-उपकेशगच्छीय आचार्यो तरीके हाल सर्वत्र प्रसिद्ध छे. ओशवंशी वणिकोमां क्षात्रवलनी विशेषता देखवामां आवे छे अने ते ओसवाल भूपाल तरीके हिन्दुस्थानमां प्रसिद्धिपात्र बन्या छे. उपकेशज्ञातिजनोए सिद्धाचल वगेरे तीर्थोना उद्धारो - जिनमंदिरो - उपाश्रयो - बांधवामां अग्रगण्य भाग लीधो छे. जोधपुर, उदेपुर, जयपुर, जेसलमेर, विकानेर वगेरे मारवाडनां राज्योमां एक सैका पूर्व सुधी जैन ओशवालोए प्रधान, दिवान, कोटवाल खचरनची महेता भंडारी वगेरेनी पदवीओ ठेठथी जाळवी राखी हती. उपकेश ज्ञातिमांथी घणा जैनाचार्यो उपाध्यायो अने साधुओ थया छे अने जैनधर्मनी झाहोझलाली वर्तावी. छे. हाल ओशवाल जैनो, जैनकोममां अग्रगण्यपद भोगवे छे. उपकेश ज्ञातिमांथी ओशवाल ज्ञाति पाछळथी नीकळी होय एम जणाय छे. ओशवाल ज्ञातिना वे भेद छे. १ वीराा ओशवाल ने बीजा दशा ओशवाल. पुनर्लग्न के अन्य कोमनी साथै जमण विगेरे कारणथी ज्ञातिभेदो पडे छे. वीशा ओशवानी वस्ती मारवाड, मेवाड, गुजरात, दक्षिण, काठीयावाड विगेरे देशोमा घणी छे, अने दशा ओरावालनी वस्तीनो मोटोभाग कच्छ, गुजरात अने बीजे ठेकाणे पण छे. ओशवालो सखावते बहादुर होय छे. अने राज्यमां आगेवानी भर्यो भाग ले छे, अने पोतानी कोम अग्रगण्य गावाने अति स्पर्धाभर्यो भाग ले छे अने पोतानी कोम पाछळ न पडे तेने माटे काळजी राखे छे. ओशवालो पहेला राजाओ हता एम अमदावादना नगरशेठ शान्तिदासना इतिहासपरथी मालूम पडे छे. ज्यारे ओशवालो राज्यपदना पापथी व्हवा लाग्या त्यारे तेओए पश्चात्
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