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(७) श्री गौतमस्वामी सवैया तेवीसा
गौतम नाम प्रभात जपो, नित ऋद्धि समृद्धि सहु तेरी,
ख्याल खुशाल रहे नित वासर, आस फले दिल ही सदा लेरी; भोजन भीख मिले भलि भांतिसुं, आधि अरू व्याधि टले अब मेरी, लब्धिनिधान प्रधान दिये, मनवांछित घमंड हे तोरी हे तोरी .... । । १ । ।
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