SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 103
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उत्तर- हे गौतम! सारे जीवन में जिसने सत्य भाषण का ही प्रयोग किया हो वह प्रिय वचनी होता है । उसके वचन श्रवण कर लोक आनन्दित होते हैं । (४०) प्रश्न- हे भगवन् ! कोई मनुष्य ऐसा होता है जो सभी को वल्लभ लगता है इस का क्या कारण है । उत्तर- हे गौतम! जिसने खूब ही धर्म आराधना की हो वह मनुष्य सभी को वल्लभ होता है । ( ४१ ) प्रश्न- हे भगवन्! सर्व मान्य किस कारण से होता है । उत्तर- हे गौतम! पर हित कार्य करने से सर्व प्रिय होता है । (४२) प्रश्न- हे भगवन्! मनुष्य नीच जाति में किस पाप से पैदा होता है ? उत्तर- हे गौतम! जाति अहंकार करने से नीच जाति में पैदा होता है ? (४३) प्रश्न- हे भगवन्! हीन कुल में किस पाप से पैदा होता है ? उत्तर- हे गौतम! कुल का अहंकार करने से कुल हीन होता है । (४४) प्रश्न- हे भगवन्! मनुष्य किस पाप से दुर्बल होता है ? उत्तर- हे गौतम! बल का घमण्ड करने से दुर्बल होता है । (४५) प्रश्न- हे भगवन्! मनुष्य जन्म किन कारणों से मिलता है ? उत्तर- हे गौतम! जो जीव प्रकृति का विनीत हो, भद्रिक हो अमात्सर्यभाविक हो और विषम वाद रहित हो वह जीव मनुष्य जन्म पाता है । (४६) प्रश्न- हे भगवन्! किसी मनुष्य के एक पैसे की भी आमदनी न होती हो वह किस पाप कर्म से ? उत्तर- हे गौतम! पैसे की खूब आमदनी देखकर जिसने घमण्ड किया हो उसे विशेष आर्थिक प्राप्ति नहीं होती है । (४७) प्रश्न- हे भगवन् ! किसी मनुष्य को व्रत उपवास करने में महान् ७५ For Private And Personal Use Only
SR No.008568
Book TitleGautam Nam Japo Nishdish
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharnendrasagar
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2001
Total Pages124
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati & Worship
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy