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अभवीने
३५९
३५९ ३६२
अभवाने कहाए कराए पच होय छे माहे करे . मूनि
कहीए करोए पंच होय
३६६
१५
मोहे
करेने
मुनि
३६७ ३६७
वित्
विद्
थावे
३६८ ३६८
३६८
थाव मूयगडांग सुत्रमा साथी परमाथ
सूयगडांग सूत्रमा स्थाथी
३७४
३७२
परमार्थ
नवी भाति गुरु परज्योति तारका मना ज्याति
नहीं भ्रान्ति गुरुः। परंज्योति तारकश्च
मनो
ज्योति
४०९
.
..
४१२
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