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मुख सम पंजाब सिन्धसनूरा, दिल सम बंग जणाय.
जगत्मां २. पेट ते मध्यप्रांत मरुधर गुर्जर, माळव दक्षिण गणाय, कच्छ सोरठ कोकण छे स्तनसम, पगसम लंका भणाय. जगत्मां. ३ ब्रह्मदेश आशाम ते पुच्छ छे, केड तिबेट शोभाय; जगत्मां. गंगा सिंधु आदि नदियो, आंत्रसमी समजाय. जगत्मां. ४ वाळसमी छे सर्व वनस्पति, एवी भारत गौ माय; भारत गायने मारो न कोइ, सेवा जीवनोपाय. जगत्मां ५ भारत गौ मैया छे जगनी, माता शिव सुख दाय; जगत्. ज्ञानानन्दनुं पय पानारी; सर्व धर्मनी माय. जगत्मां. ६ भारतगायनी निष्काम सेवा, करतां प्रभुपद पाय; जगत्मां. बुद्धिसागर आतम भावे, सेवे पूजे शिव थाय. जगत्मां ७
अमारे विश्वथकी सहकार .
विश्व थको सहकार, अमारे विश्व थकी सहकार; सर्व जीवो आतम समा रे, राग न रोष लगार; मैत्री प्रमोद मध्यस्थनेरे करुणा-ना ज विचार. अमारे. १
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