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૩રઃ रहिम करी रहिमानकुं पाना, मोहे नहि भरमाना; मन इन्द्रियकुं वशमें रखना, करना गुणी सन्माना.
हमेरा. नामरूपमें नहि अभिमाना, साक्षी स्वरूपे सुहाना; सात्विक भोजन विधिये खाना, सवदुर्गुणकुं हठाना.
हमेरा मोहकी सबवृत्ति क्षय करना, कामका क्षयसें सुहाना; शुद्धातम राजा हम निश्चय, शुद्धोपयोग प्रधाना.
हमेरा.५ सर्व विश्वमां घट घट ऐंसा, स्वराज्य है समजाना; ज्ञानभक्तिसें प्रकटत दिल्में, प्रगटे केवलज्ञाना.
.. हमेरा. ६ आत्मशुद्धिसें स्वराज्य पाना, हो जाना मस्ताना; बुद्धिसागर परमानंद रस, पीकर हो मस्ताना.
हमेरा. ७
व्यभिचारत्याग.
हे सुखकारी आसंसारथकी जो मुजने उद्धरे. ए राग. प्रभु उपदेशे सांभळशो हित शिक्षा नरने नारी. प्रभु शिक्षाने पाळतां सुखियां छे नर ने नारी. व्यभिचारीने नहीं मनशांति,भय शोक मरणनी बहुभ्रांति अपयश ने रहे नहीं तनुकांति.
प्रभु. १ चामडीरंगे मोही पडिया, उंचेथा नीचे लडथडिया; दुःख दावानलमांहि जळीया.
प्रभु.२
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