________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
२३७ जोता मुख देदार भविक उलसे बहुरें लो. हारे सुज मनमां वसीया उत्तम तेह गुणदजो. जैन धर्मरूप नौका भव जळ तारणीरे लो, हांरे ते चलने सरळ पंथपर महा मुनिचंदजो; मुक्ति पुरी पहचाडे चौगति वारणीरे लो. हारे निर्लोभी ते मधुकरी गौचरी लेनारजो, उत्तम एहवी वृत्ति तेहनी हेमधीरे लो; हारे जे शुभ फळदायक धर्म लाभ देनारेजा, रसीक नमे तस चरणकमळ नित्य प्रेमधीरे लो. बुद्धिसागरजीनी गुंडली समाप्त.
मूर्तिपूजन महिमा. सवैया.
मूर्ति तणो महिमा छे मोटो.
समजे कोइक संस्कारी.
मूर्ति पूजनथी प्राप्त थाय छे, सुंदर शिव पदनी बारी.
ए महिमा समजाणो आजे,
सद्गुरु बुद्धिसागरथी
ए माटे एओना चरणे,
नमन करूं बे आ करथी.
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private And Personal Use Only