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आगममार. वांदवा गया छे तेवारे कयबलिम्मा तथा पछी घरे आवी साहमीवछल करीने दीक्षा लेवा निकल्या तेवारे न्हाया कयबलिकम्मा ए पाठ छे, इत्यादिक श्रावक अन्य देवनी पूजा न करे गोत्रज न पूजे, अरिहंत देवनेज पूजे, तथा कोइ कहेस्ये कयबलिकम्मा पाठ कठीयारा प्रमुख अनेक थानके छे ते मां स्याना छ ? पोते जेहने देवबुद्धे माने ते तेहने पुंजे तथा देवदत्त बालके कीम पुंजा करी हशे तेतो बालकने मावीत्रे पूजा करावी तो कां न करे ? आज पण बालक पुजा करता दीसे छे तो कयबलीकम्मा ए पाठनो बीजो अर्थ शाने करो छो ? तथा दीक्षा महोच्छच घणा दीसे छे पण तिहां देहरा प्रतिमानो पाठ नथी.
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