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आगमसार.
पेहेलो सामान्य संग्रह, तथा बीजो विशेषताने अंगीकार करे छे, जे जीव द्रव्य एम कर्दा तो अजीव सर्व टल्या ते विशेष संग्रह.
हवे व्यवहार नय कहे छे. जे बाह्यस्वरूप देखीने भेदनी वेहेचण करे अने जे बाहेर देखता गुणनेज माने पण अंतरंग सत्ता न माने एटले ए नयमां आचार क्रिया मुख्य छे. अंतरंग परिणामनो उपयोग नथी केमके नैगम तथा संग्रह नय ते ज्ञान रूप ध्यानना परिणाम विना अंश तथा सत्ता ग्राही छे, तेम इहां करणी मुख्य छे ते व्यवहारनये (पणे) जीवनी व्यवस्था अनेक प्रकारे छे. तिहां नैगम तथा संग्रह नये करी सर्व जीव सत्तायें एक रूप हे पण व्यवहार नयथी जीवना बे
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